अध्याय 5: गति के नियम (Laws of Motion)

परिचय

पिछले अध्याय में हमने गति का वर्णन किया था। अब हम उन कारणों का अध्ययन करेंगे जो गति उत्पन्न करते हैं या उसे बदलते हैं। यह अध्याय हमें गति विज्ञान से गतिशीलता (dynamics) की ओर ले जाता है, जहाँ हम बल (force) और द्रव्यमान (mass) की अवधारणाओं को समझते हैं। सर आइजैक न्यूटन द्वारा प्रतिपादित गति के तीन नियम (Laws of Motion) चिरसम्मत यांत्रिकी (classical mechanics) के आधार स्तंभ हैं, जो हमें वस्तुओं की गति को नियंत्रित करने वाले मूलभूत सिद्धांतों को समझने में मदद करते हैं। इन नियमों का उपयोग विभिन्न भौतिकी समस्याओं को हल करने और प्रकृति में होने वाली कई परिघटनाओं की व्याख्या करने के लिए किया जाता है।

5.1 अरस्तु का भ्रामक तर्क और जड़त्व

अरस्तु का मानना था कि किसी वस्तु को गतिमान रखने के लिए बाहरी बल की आवश्यकता होती है। यह एक सहज विचार था, लेकिन गैलिलियो और न्यूटन ने सिद्ध किया कि यह गलत है। न्यूटन के गति के प्रथम नियम की नींव गैलिलियो के **जड़त्व (Inertia)** के विचार से पड़ी। जड़त्व किसी वस्तु का वह गुण है जिसके कारण वह अपनी विराम अवस्था या एकसमान गति की अवस्था में परिवर्तन का विरोध करती है, जब तक कि उस पर कोई बाहरी बल न लगे। इसका अर्थ है कि एक वस्तु बिना किसी बाहरी बल के एकसमान वेग से चलती रहेगी।

5.2 न्यूटन का गति का पहला नियम: जड़त्व का नियम

**न्यूटन का गति का पहला नियम:** "प्रत्येक वस्तु अपनी विराम अवस्था या एक सरल रेखा में एकसमान गति की अवस्था में बनी रहती है, जब तक कि उस पर कोई बाहरी असंतुलित बल कार्य न करे।"

5.3 न्यूटन का गति का दूसरा नियम: बल और त्वरण

**न्यूटन का गति का दूसरा नियम:** "किसी वस्तु के संवेग में परिवर्तन की दर उस पर लगाए गए असंतुलित बाहरी बल के समानुपाती होती है, और यह परिवर्तन बल की दिशा में होता है।"

गणितीय रूप से, इसे इस प्रकार व्यक्त किया जाता है:

$$ F = ma $$

जहाँ:

यह नियम **बल की मात्रात्मक परिभाषा** देता है। बल की SI इकाई **न्यूटन (Newton, N)** है। 1 न्यूटन वह बल है जो 1 kg द्रव्यमान वाली वस्तु में $1 \, m/s^2$ का त्वरण उत्पन्न करता है।

5.4 न्यूटन का गति का तीसरा नियम: क्रिया-प्रतिक्रिया का नियम

**न्यूटन का गति का तीसरा नियम:** "प्रत्येक क्रिया के लिए, सदैव एक समान और विपरीत प्रतिक्रिया होती है।"

5.5 संवेग संरक्षण का नियम

**संवेग संरक्षण का नियम (Law of Conservation of Momentum):** "यदि किसी निकाय पर कोई बाहरी असंतुलित बल कार्य नहीं कर रहा है, तो निकाय का कुल संवेग (Total Momentum) संरक्षित रहता है।"

यह नियम न्यूटन के दूसरे और तीसरे नियम से व्युत्पन्न होता है। संवेग ($p$) को द्रव्यमान और वेग के गुणनफल के रूप में परिभाषित किया जाता है: $p = mv$।

5.6 घर्षण

**घर्षण (Friction):** यह एक बल है जो दो सतहों के बीच सापेक्ष गति का विरोध करता है। घर्षण बल हमेशा गति की अपेक्षित या वास्तविक दिशा के विपरीत कार्य करता है।

घर्षण एक आवश्यक बल है (जैसे चलने, गाड़ी चलाने के लिए) लेकिन यह ऊर्जा का क्षय भी करता है (जैसे मशीनों में)। इसे कम करने के लिए स्नेहन (lubrication) और बॉल बेयरिंग (ball bearings) का उपयोग किया जाता है।

Diagram illustrating Newton's three laws of motion with examples.

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)

I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।

  1. जड़त्व क्या है?

    जड़त्व किसी वस्तु का वह गुण है जिसके कारण वह अपनी विराम अवस्था या एकसमान गति की अवस्था में परिवर्तन का विरोध करती है।

  2. बल का SI मात्रक क्या है?

    बल का SI मात्रक न्यूटन (Newton) है।

  3. न्यूटन के तीसरे नियम का एक उदाहरण दें।

    रॉकेट का प्रणोदन, जहाँ रॉकेट नीचे की ओर गैसें फेंकता है और प्रतिक्रिया में ऊपर की ओर गति करता है।

  4. संवेग का सूत्र लिखिए।

    संवेग $p = mv$ (द्रव्यमान × वेग)।

  5. क्या क्रिया और प्रतिक्रिया बल एक ही वस्तु पर कार्य करते हैं?

    नहीं, क्रिया और प्रतिक्रिया बल हमेशा अलग-अलग वस्तुओं पर कार्य करते हैं।

II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30 शब्द) में उत्तर दें।

  1. जड़त्व और द्रव्यमान के बीच क्या संबंध है?

    जड़त्व किसी वस्तु के अपनी गति की अवस्था में परिवर्तन का विरोध करने की प्रवृत्ति है। द्रव्यमान जड़त्व की एक माप है। जितना अधिक द्रव्यमान होगा, वस्तु का जड़त्व उतना ही अधिक होगा, और उसकी गति की अवस्था को बदलने के लिए उतने ही बड़े बल की आवश्यकता होगी।

  2. न्यूटन के गति के दूसरे नियम को बल और त्वरण के संबंध में स्पष्ट करें।

    न्यूटन का दूसरा नियम बताता है कि किसी वस्तु पर लगा शुद्ध बल उसके द्रव्यमान और उसके द्वारा उत्पन्न त्वरण के गुणनफल के बराबर होता है ($F=ma$)। इसका अर्थ है कि यदि किसी वस्तु पर बल लगाया जाता है, तो वह बल की दिशा में त्वरित होगी, और त्वरण बल के समानुपाती तथा द्रव्यमान के व्युत्क्रमानुपाती होगा।

  3. संवेग संरक्षण का नियम क्या है?

    संवेग संरक्षण का नियम कहता है कि यदि किसी निकाय पर कोई बाहरी असंतुलित बल कार्य नहीं कर रहा है, तो उस निकाय का कुल संवेग समय के साथ स्थिर रहता है। यह नियम टक्करों और विस्फोटों जैसी परिघटनाओं में महत्वपूर्ण है।

  4. स्थैतिक घर्षण और गतिक घर्षण में अंतर बताइए।

    स्थैतिक घर्षण वह बल है जो तब कार्य करता है जब वस्तुएँ एक दूसरे के सापेक्ष गति करने का प्रयास कर रही होती हैं लेकिन वास्तव में गति नहीं कर रही होती हैं। गतिक घर्षण वह बल है जो तब कार्य करता है जब वस्तुएँ पहले से ही एक दूसरे के सापेक्ष गति कर रही होती हैं। आमतौर पर, स्थैतिक घर्षण का अधिकतम मान गतिक घर्षण से अधिक होता है।

III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।

  1. न्यूटन के गति के तीनों नियमों को उदाहरण सहित समझाएं।

    न्यूटन के गति के नियम चिरसम्मत यांत्रिकी के आधारभूत सिद्धांत हैं। **पहला नियम**, जिसे जड़त्व का नियम भी कहा जाता है, बताता है कि एक वस्तु अपनी विराम अवस्था में या एक सरल रेखा में एकसमान गति की अवस्था में बनी रहेगी जब तक कि उस पर कोई बाहरी असंतुलित बल कार्य न करे। इसका एक उदाहरण यह है कि यदि आप एक गेंद को चिकनी सतह पर धकेलते हैं, तो वह घर्षण और वायु प्रतिरोध की अनुपस्थिति में अनिश्चित काल तक चलती रहेगी। यह नियम बल की गुणात्मक परिभाषा देता है, जिसमें कहा गया है कि बल वह है जो वस्तु की अवस्था में परिवर्तन का कारण बनता है।

    **दूसरा नियम** बल की मात्रात्मक परिभाषा प्रदान करता है: किसी वस्तु के संवेग में परिवर्तन की दर उस पर लगाए गए असंतुलित बल के समानुपाती होती है और बल की दिशा में होती है ($F=ma$)। उदाहरण के लिए, एक ही बल लगाने पर, एक खाली गाड़ी की तुलना में एक भरी हुई गाड़ी को त्वरित करना अधिक कठिन होगा क्योंकि उसका द्रव्यमान अधिक है, जिसके लिए कम त्वरण या अधिक बल की आवश्यकता होगी। यह नियम यह भी दर्शाता है कि बल, द्रव्यमान और त्वरण कैसे संबंधित हैं। **तीसरा नियम**, क्रिया-प्रतिक्रिया का नियम, बताता है कि प्रत्येक क्रिया के लिए, सदैव एक समान और विपरीत प्रतिक्रिया होती है। जब आप जमीन पर चलते हैं, तो आप जमीन को पीछे की ओर धकेलते हैं (क्रिया), और जमीन आपको आगे की ओर धकेलती है (प्रतिक्रिया)। महत्वपूर्ण बात यह है कि क्रिया और प्रतिक्रिया बल हमेशा अलग-अलग वस्तुओं पर कार्य करते हैं, यही कारण है कि वे एक-दूसरे को रद्द नहीं करते और गति का कारण बनते हैं।

  2. संवेग संरक्षण के नियम को स्पष्ट करें और वास्तविक जीवन के दो उदाहरण दें।

    संवेग संरक्षण का नियम एक मौलिक भौतिकी सिद्धांत है जो बताता है कि यदि किसी निकाय पर कोई बाहरी असंतुलित बल कार्य नहीं कर रहा है, तो निकाय का कुल संवेग (जो द्रव्यमान और वेग का गुणनफल है) संरक्षित रहता है। इसका मतलब है कि एक बंद प्रणाली में, घटनाओं से पहले और बाद में कुल संवेग समान रहता है। यह नियम न्यूटन के दूसरे और तीसरे नियमों से सीधे व्युत्पन्न होता है, क्योंकि तीसरे नियम के अनुसार क्रिया और प्रतिक्रिया बल समान और विपरीत होते हैं, जिससे प्रणाली के भीतर कुल संवेग परिवर्तन शून्य हो जाता है। यह नियम टकराव, विस्फोट और रॉकेट प्रणोदन जैसी स्थितियों में विशेष रूप से उपयोगी है जहां बल आंतरिक होते हैं।

    वास्तविक जीवन के उदाहरणों में, **पहला उदाहरण बंदूक का प्रतिक्षेप (Recoil of a gun) है।** जब एक बंदूक से गोली चलाई जाती है, तो गोली आगे की दिशा में एक निश्चित संवेग के साथ निकलती है। संवेग के संरक्षण के लिए, बंदूक को पीछे की ओर (प्रतिक्षेप) समान और विपरीत संवेग के साथ गति करनी चाहिए। हालांकि बंदूक का द्रव्यमान गोली से बहुत अधिक होता है, इसलिए इसका वेग बहुत कम होता है। **दूसरा उदाहरण जेट इंजन या रॉकेट का प्रणोदन है।** रॉकेट अपने पिछले हिस्से से गर्म गैसों को उच्च वेग से बाहर निकालता है (क्रिया)। गैसों को बाहर निकालने से रॉकेट पर समान और विपरीत प्रतिक्रिया बल लगता है, जिससे रॉकेट आगे की ओर बढ़ता है। इन दोनों ही उदाहरणों में, बाहरी बल (जैसे वायु प्रतिरोध या गुरुत्वाकर्षण) को नजरअंदाज करने पर, प्रणाली का कुल संवेग (गोली+बंदूक या रॉकेट+गैस) संरक्षित रहता है।


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