कक्षा 8 संस्कृत (रुचिरा) - अध्याय
- अध्याय 1: सुभाषितानि (अच्छे वचन)
- अध्याय 2: बिलस्य वाणी न कदापि मे श्रुता (गुफा की आवाज मैंने कभी नहीं सुनी)
- अध्याय 3: डीजीभारतम् (डिजिटल भारत)
- अध्याय 4: सदैव पुरतो निधेहि चरणम् (हमेशा आगे कदम बढ़ाओ)
- अध्याय 5: कण्टकेनैव कण्टकम् (काँटे से ही काँटा निकलता है)
- अध्याय 6: गृहं शून्यं सुतां विना (बेटी के बिना घर सूना है)
- अध्याय 7: भारतजनताऽहम् (मैं भारत की जनता हूँ)
- अध्याय 8: संसारसागरस्य नायकाः (संसार रूपी सागर के नायक)
- अध्याय 9: सप्तभगिन्यः (सात बहनें)
- अध्याय 10: नीतिनवनीतम् (नीति के मक्खन)
- अध्याय 11: सावित्री बाई फुले (Savitribai Phule)
- अध्याय 12: कः रक्षति कः रक्षितः (कौन रक्षा करता है, कौन रक्षित है)
- अध्याय 13: राजते भारतस्वर्णभूमिः (भारत की स्वर्ण भूमि शोभायमान है)
- अध्याय 14: आर्यभट्टः (Aryabhata)
- अध्याय 15: प्रहेलिकाः (पहेलियाँ)